मांगी-तुंगी ट्रेक महाराष्ट्र का एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल है, जिसे अब देश-दुनिया और भी नजदीक से जान रही है। हाल ही में उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस ट्रेक का वीडियो साझा करते हुए इसे “आध्यात्मिक और आत्मा को छू लेने वाला अनुभव” बताया।
महिंद्रा ने कहा कि वे कई बार नासिक जा चुके थे, लेकिन उन्हें कभी इस ट्रेक के बारे में पता नहीं था। पहली बार यहां जाकर उन्होंने पाया कि यह सिर्फ एक शारीरिक चुनौती नहीं बल्कि मन को शांति देने वाली आध्यात्मिक यात्रा है। खासतौर पर 108 फीट ऊंची अहिंसा की प्रतिमा देखकर वे अभिभूत हो गए।
मांगी-तुंगी ट्रेक क्या है?
मांगी-तुंगी ट्रेक महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। यह दो पहाड़ों – मांगी (4,343 फीट) और तुंगी (4,366 फीट) – पर बना है। दोनों शिखर जैन धर्म के लिए बेहद पवित्र माने जाते हैं। यहां प्राचीन गुफाएं, मंदिर और चट्टानों पर खुदी हुई जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां देखने को मिलती हैं।
ट्रेक का सबसे खास आकर्षण है 108 फीट ऊंची अहिंसा की प्रतिमा, जो दुनिया की सबसे बड़ी जैन प्रतिमा मानी जाती है।
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मांगी-तुंगी ट्रेक पर क्या मिलेगा?
- शांत वातावरण और पहाड़ की चोटी से शानदार नज़ारे
- प्राचीन गुफाएं, जिनके नाम महावीर, आदिनाथ, राम और हनुमान से जुड़े हैं
- ट्रेक के रास्ते में ठहरने और पानी की व्यवस्था
- साफ-सुथरा और धार्मिक महत्व से भरा वातावरण
- आधार स्थल पर स्थित अहिंसा की प्रतिमा का अद्भुत दर्शन
मांगी-तुंगी तक कैसे पहुंचे?
- सड़क मार्ग से: नजदीकी कस्बा सतना (30 किमी), नासिक (125 किमी) और मुंबई (280 किमी) से सड़क द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं।
- रेल मार्ग से: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन मनमाड जंक्शन (लगभग 80 किमी)।
- हवाई मार्ग से: नासिक हवाई अड्डा (115 किमी), जबकि मुंबई एयरपोर्ट लंबी दूरी के यात्रियों के लिए सुविधाजनक है।
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मांगी-तुंगी ट्रेक की जानकारी
- कठिनाई स्तर: मध्यम (मुख्य रूप से सीढ़ियां चढ़ने के कारण)
- सीढ़ियां: करीब 3,500 पत्थरों की सीढ़ियां
- समय: एक तरफ जाने में 2.5 से 4 घंटे
- सबसे अच्छा मौसम: अक्टूबर से फरवरी
रहने और खाने की व्यवस्था
- गांव के पास साधारण धर्मशालाएं और गेस्ट हाउस उपलब्ध
- जैन भोजनालयों में सादा और सात्विक भोजन मिलता है
- पास के कस्बों सतना और तहेराबाद में सीमित होटल सुविधाएं
- आधार स्थल पर शौचालय उपलब्ध (ट्रेक मार्ग में नहीं)
सुरक्षित और सुखद यात्रा के लिए सुझाव
- सुबह-सुबह ट्रेक शुरू करें ताकि धूप और भीड़ से बच सकें
- पानी, हल्का नाश्ता और छड़ी साथ रखें
- आरामदायक और मजबूत जूते पहनें
- साधारण वेशभूषा धारण करें क्योंकि यह धार्मिक स्थल है
- परिवार या समूह के साथ यात्रा करें, यह अधिक सुरक्षित और आनंददायक रहेगा
शुल्क
- ट्रेक के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है
- वाहन पार्किंग के लिए मामूली शुल्क लिया जाता है
निष्कर्ष
मांगी-तुंगी ट्रेक सिर्फ एक पहाड़ी यात्रा नहीं है, बल्कि यह इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिकता का संगम है। यहां की शांति, प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व इसे एक अनमोल धरोहर बनाते हैं। अगर आप महाराष्ट्र घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इस पवित्र स्थल को अपनी सूची में ज़रूर शामिल करें।