Sitabuldi Fort नागपुर शहर के बीचों-बीच स्थित एक ऐतिहासिक धरोहर है, जो न सिर्फ शहर की पहचान है बल्कि भारत के इतिहास का अहम हिस्सा भी है। यह किला अपनी पुरानी वास्तुकला, युद्ध की कहानियों और आजादी के दौर की घटनाओं के लिए जाना जाता है।
Sitabuldi Fort का इतिहास
Sitabuldi Fort का निर्माण 1817 में हुआ था, जब मराठा साम्राज्य और अंग्रेजों के बीच तीसरा एंग्लो-मराठा युद्ध चल रहा था। यह किला उस समय एक रणनीतिक स्थान के रूप में बनाया गया था, ताकि आसपास के इलाके पर नज़र रखी जा सके और युद्ध के समय सुरक्षा मिल सके।
1817 के Sitabuldi Battle में यहां मराठा सेना और ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के बीच भीषण युद्ध हुआ, जिसमें अंग्रेजों ने जीत हासिल की और किले पर अपना कब्ज़ा कर लिया। इसके बाद यह किला लंबे समय तक ब्रिटिश आर्मी के नियंत्रण में रहा।
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किले की संरचना और विशेषताएं
Sitabuldi Fort दो पहाड़ियों पर बना है, जिन्हें “तेलिया टंकी हिल” और “भंडारा हिल” कहा जाता है। इन दोनों पहाड़ियों के बीच में एक घाटी है।
- किले के चारों ओर ऊंची और मजबूत दीवारें हैं, जो सुरक्षा के लिए बनाई गई थीं।
- अंदर बैरक, गुप्त रास्ते और हथियार रखने की जगहें हैं।
- आज भी यहां कुछ तोपें और पुराने जमाने के हथियार देखे जा सकते हैं।
- किले के ऊपर से पूरा नागपुर शहर का नज़ारा दिखाई देता है।
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आज का Sitabuldi Fort
आज Sitabuldi Fort भारतीय सेना के नियंत्रण में है और आम जनता के लिए सिर्फ विशेष अवसरों पर खोला जाता है, जैसे गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस। इन दिनों लोग यहां आकर इतिहास को करीब से महसूस करते हैं।
किला नागपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहां आने वाले पर्यटक शहर के इतिहास, संस्कृति और युद्ध की कहानियों के बारे में जान सकते हैं।
Sitabuldi Fort घूमने का सही समय
अगर आप नागपुर में हैं, तो Sitabuldi Fort घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम है, यानी नवंबर से फरवरी के बीच। इन महीनों में मौसम सुहावना रहता है और किले की ऊंचाई से आसपास का दृश्य देखने का आनंद और बढ़ जाता है।
Sitabuldi Fort का महत्व
यह किला सिर्फ पत्थरों का ढांचा नहीं, बल्कि नागपुर और भारत के इतिहास का गवाह है। यह हमें हमारे अतीत, युद्ध की कठिनाइयों और आजादी के संघर्ष की याद दिलाता है। यहां आकर हर कोई यह महसूस कर सकता है कि किस तरह यह जगह इतिहास में अमर हो गई।