Tikona Fort महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित एक ऐतिहासिक दुर्ग है, जो अपने त्रिकोणीय आकार, खूबसूरत नज़ारों और रोमांचक ट्रेकिंग अनुभव के लिए जाना जाता है। यह किला सह्याद्री की पहाड़ियों में बसा हुआ है और इतिहास प्रेमियों, प्रकृति प्रेमियों और एडवेंचर के शौकीनों के लिए एक आदर्श स्थल है। इस लेख में हम आपको टिकोना किला से जुड़ी हर जरूरी जानकारी देंगे — जैसे इसका इतिहास, ट्रेकिंग मार्ग, टिकट, समय और कैसे पहुंचें।
Tikona Fort ट्रेकिंग की प्रमुख जानकारी
विशेषता | विवरण |
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स्थान | कवासे गांव, मुलशी तालुका, पुणे |
निकटतम शहर | पुणे (लगभग 60 किमी) |
ट्रेक की लंबाई | लगभग 1.5 किमी |
ट्रेकिंग का समय | 1 से 1.5 घंटे (एक तरफ) |
कठिनाई स्तर | आसान से मध्यम |
बेस्ट सीज़न | मानसून और सर्दियों में (जून–फरवरी) |
एंट्री फीस | कोई प्रवेश शुल्क नहीं है |
टाइमिंग्स | सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक |
खास आकर्षण | प्राचीन गुफाएं, शिव मंदिर, पानी टंकी |
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Tikona Fort का इतिहास
टिकोना किला को ‘त्रिकोणाद्री’ के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है त्रिकोण के आकार का पहाड़। यह किला प्राचीन मराठा साम्राज्य का हिस्सा रहा है और रणनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माना जाता था। इसे मूल रूप से सातवाहन वंश के समय में बनाया गया था, और बाद में यह शिलाहार, बहमनी, निजाम और फिर मराठों के अधीन रहा।
1660 के दशक में छत्रपति शिवाजी महाराज ने इस किले को अपने अधीन कर लिया था और इसे एक सैन्य चौकी के रूप में उपयोग किया गया। टिकोना किला का वास्तुशिल्प, दरवाज़े, गुफाएं और जलकुंड आज भी उस दौर की गौरवशाली विरासत को दर्शाते हैं।
ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए Tikona Fort
टिकोना किला ट्रेकिंग अनुभव रोमांच से भरपूर होता है। यह ट्रेक आसान से मध्यम स्तर का माना जाता है, जो कि शुरुआती ट्रेकर्स के लिए भी उपयुक्त है। ट्रेकिंग की कुल दूरी लगभग 1.5 किमी है, और चढ़ाई में 1 से 1.5 घंटे का समय लगता है। मार्ग में पत्थर की सीढ़ियां, पहाड़ी पथ और घने जंगल मिलते हैं, जो इसे एक यादगार अनुभव बना देते हैं।
बारिश के मौसम में यह ट्रेक और भी हरा-भरा और खूबसूरत हो जाता है, लेकिन फिसलन से सावधान रहना जरूरी है। ऊपर पहुंचने पर तुंग किला, लोहगढ़, पवन झील और सह्याद्री पर्वत की सुंदरता मन मोह लेती है।
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टिकोना किला कैसे पहुंचे
टिकोना किला पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी बड़ा शहर पुणे है। पुणे से आप टैक्सी, बस या अपनी गाड़ी के जरिए किले के बेस विलेज ‘कवासे’ तक पहुंच सकते हैं। यदि आप मुंबई से आ रहे हैं, तो लगभग 120 किमी की दूरी तय करनी होगी। लोनावला से भी टिकोना किला मात्र 25-30 किमी दूर है।
रास्ते में पवन झील के पास एक शानदार व्यू पॉइंट आता है, जहां से तस्वीरें खींचना न भूलें।
टिकोना किला से जुड़ी सावधानियां
- बारिश में रास्ता फिसलन भरा हो सकता है, अच्छे ग्रिप वाले जूते पहनें।
- अपने साथ पानी की बोतल और कुछ स्नैक्स जरूर रखें।
- किले पर कोई होटल या दुकान नहीं है, तो आवश्यक वस्तुएं साथ लेकर जाएं।
- पर्यावरण की रक्षा करें और कचरा न फैलाएं।
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निष्कर्ष
टिकोना किला न सिर्फ एक ऐतिहासिक धरोहर है बल्कि एक शानदार ट्रेकिंग डेस्टिनेशन भी है। इसका शांत वातावरण, सुंदर नज़ारे और ऐतिहासिक महत्व इसे महाराष्ट्र के टॉप ट्रेक्स में से एक बनाते हैं। यदि आप सप्ताहांत पर कुछ नया और रोमांचकारी अनुभव करना चाहते हैं, तो टिकोना किले की यात्रा जरूर करें।
यह जगह परिवार, दोस्तों और सोलो ट्रैवलर्स – सभी के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। उम्मीद है कि यह जानकारी आपकी यात्रा को और भी खास और आसान बनाएगी।